
Kashmir Pahalgam Terror Attack 2025: क्या हुआ था?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के टूरिस्ट हॉटस्पॉट पहलगाम में हुआ एक भयानक आतंकी हमला, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। हमलावरों ने नाम और धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, जो कि इंसानियत के खिलाफ है।
इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है The Resistance Front (TRF) ने, जो कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक सक्रिय आतंकवादी संगठन है।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें और जनता का आक्रोश
घटना की जानकारी सबसे पहले स्थानीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्वीट्स और वीडियो के ज़रिए दी।
एक वायरल फोटो में एक महिला अपने मरे हुए पति के पास बैठकर मदद की गुहार लगा रही है। यह फोटो देशभर में भावनात्मक उबाल ला रही है।

सरकार की प्रतिक्रिया और सुरक्षा पर सवाल
इस हमले के कई घंटे बाद तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, जिससे लोगों में गुस्सा और भ्रम की स्थिति है।
इस हमले ने कश्मीर की सिक्योरिटी सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भारत के गृह मंत्री ने कश्मीर की यात्रा कर सुरक्षा एजेंसियों से मीटिंग की और हाई अलर्ट जारी किया गया है।
Pahalgam Attack का असर Kashmir Tourism पर
पहलगाम, जहां से अमरनाथ यात्रा 2025 शुरू होने वाली है (3 जुलाई से), अब सुरक्षा और डर का केंद्र बन गया है।
पर्यटन से जुड़े कुछ अहम आंकड़े:
- 2023 में: 2.1 करोड़ पर्यटक कश्मीर आए
- 2024 का टारगेट: 2.3 करोड़ से ज़्यादा
- अब: आतंकी हमले के बाद पर्यटन पर गहरा असर
स्थानीय व्यापार, होटल इंडस्ट्री और गाइड्स की आजिविका पर खतरा मंडरा रहा है।
TRF कौन है और इसे कैसे रोका जा सकता है?
The Resistance Front (TRF) एक नया आतंकवादी संगठन है जो सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए नए लोगों को भर्ती करता है।
भारत सरकार ने इसे बैन किए गए संगठनों की सूची में रखा है, लेकिन इसका नेटवर्क तेज़ी से फैल रहा है।
स्थानीय नेताओं और जनता की प्रतिक्रिया
सज्जाद लोन (पीपल्स कॉन्फ्रेंस) ने कहा:
“ये आतंकी कश्मीर के दुश्मन हैं। वे हमारे टूरिज्म और अमन को बर्बाद कर रहे हैं।”
स्थानीय लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं, वे शांति और टूरिज्म की वापसी चाहते हैं।
भारत की रणनीति और POK को लेकर बेचैनी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की ओर से POK पर ध्यान और नियंत्रण की रणनीति से आतंकवादी संगठनों में बौखलाहट है।
इस वजह से आम नागरिकों और टूरिस्ट्स को आसान निशाना बनाया जा रहा है।
ये सिर्फ हमला नहीं, चेतावनी है
ये हमला सिर्फ निर्दोषों की हत्या नहीं, बल्कि भारत की एकता और कश्मीर की शांति पर हमला है।
TRF जैसे संगठनों पर और भी कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है।
जनता, सेना और सरकार – सभी को मिलकर इस चुनौती से लड़ना होगा।
आपकी राय ज़रूरी है
क्या आपको लगता है कि सरकार को TRF और लश्कर जैसे संगठनों पर आक्रामक एक्शन लेना चाहिए?
क्या भारत को अब कश्मीर में फुल प्रूफ सिक्योरिटी लागू करनी चाहिए?
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